निरन्तर प्रगतिशील जीवन में चीजें इतनी तीव्र गति से नित्य निर्मित व बदल रही हैं कि हम जीवन में होने वाले अनिश्चितता को न तो सुधार पा रहे न ही निस्तारण कर पा रहे हैं, हमारे आस-पास रोज ऐसी घटना हो रही है, जो कईयों का जीवन पलट कर रहे हैं, आप सबके सामने ही एक सामान्य सा व्यक्ति समाज में विशिष्ट स्थान, मान-सम्मान प्राप्त कर रहे हैं, और वे अपनी सफलता का पूर्ण श्रेय अपने गुरु को व उन्हें प्राप्त करने का अधिकार देते हैं। आपकी सफलता दिखती है, उनका जीवन कि चका-चौंध व ऐश्वर्य दिखता है परंतु उनकी साधना, तप, गांभीर्य नहीं दिखता, सभी साधकों-शिष्यों को गुरुजी ने तो ज्ञान-चेतना-मंत्र-दीक्षा तो दिया है, लेकिन आपने उन्हें पूर्ण किया रूप से लाभ नहीं उठाया, उस ज्ञान को अपने अंदर आत्मसात नहीं किया। आपने जिस दिन गुरू दीक्षा ग्रहण की उस दिन आपका एक नया जन्म हुआ था, गुरूदेव ने आपको उस दिन अपने आप से व ब्रह्माण्ड में उपस्थित हुए उस सूक्ष्म से लेकर महान ज्ञान की चेतन अपने अंदर शक्तिपात के माध्यम से आत्मसात की थी! उस दिन आपने स्वयं से एक वादा किया था, कि गुरू के ज्ञान से आप अपने जीवन में परिवर्तन लाएंगे, अपनी हर इच्छा की जांच के लिए स्वयं व अपने गुरू से बाउंड होंगे, आप खुद ही विचार करें कि आपने उस व्यक्ति को कितना पहचाना है , आप तो अपने आप को दूसरे के होश से चला लें, दूसरों के दिखाये लक्ष्य को अपना मकसद बना लिया या फिर दूसरों के सुख को देख अपना लक्ष्य बदल दिया। न तो आपकी गलतफहमी में कमी आई न ही सुधार। जीवन तो मात्र का सही मायने में सफल हुआ जो पूर्ण रूप से शांत मन से अपने गुरु को अपने हृदय में आत्मसात किया।
21 अप्रैल सगुरू जन्म उत्सव जो प्रत्येक साधक के जीवन का वह अहम दिन है जब हमारे ईष्ट स्वामी निखिलेश्वरानन्द जी ने सभी शिष्यों के खाते व हमें वह उस जटिल ज्ञान को सरल रूप से सभी के लिए चुने गए आवेदन के लिए जन्म लिया।
अवसर अवसाद बन जाएगा यदि आप सही समय पर उस अवसर का आपने उपयोग नहीं किया, इस 21 अप्रैल को पुनः आपके जीवन में यह अवसर है जब आप अपने गुरु की शक्ति को आत्मसात कर सामान्य से एक विशिष्ट व्यक्ति बने और विशिष्ट केवल अपने कार्य से गठन है भाग्य से नहीं, विशिष्ट व्यक्ति कर्म करता है, अपने जीवन को कर्मशील व गुरू ज्ञान से ओट-प्रोत व गुरु ज्ञान गंगा को प्राप्त करने के लिए आप सभी 20-21-22 अप्रैल को सूर्यग्रहण तेजस्विता निखेश्वरानन्द प्राणशः चेतन अवतरण अक्षय धन लक्ष्मी संसाधना महोत्सव , भिलाई (सीजी) में सम्मलित हो।
अपना
नवीन श्रीमाली
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,