कोई भी वास्तविकता को जानना नहीं चाहते, अपने भीतर एक अहंकारी को बनाये रखते हैं और यह अहंकारी हमें भीतर से खोखला बना देता है, साथ ही साथ विशेष रूप से अपने आप को, मोटरसाइकिल को, हमारे परिजन को परेशानी देता है, और अहंकारी का ज्ञान हमें स्वंय कभी नहीं हो सकता, कोई भी नहीं कहेगा कि मैं अहंकारी हूं, क्योंकि हम स्वयं के लिए तो सबसे सही व उत्तम हैं।
तो फिर हमसे अपनी गलती का, अपनी भूल का, हमसे हुई गलती का एहसास कैसे होगा? जब हम अपने अहंकार को भूल जाएंगे तो हम हुयी गलतीयों को सुनने और समझने की शक्ति अपने भीतर आत्मसात कर लेंगे। तभी हम स्वंय को जान पाएंगे और अगर सही समय पर हमने अपने अहंकार को नहीं त्यागा और स्वयं का ज्ञान नहीं हुआ तो जीवन भर की आकांक्षाओं के बीच पिसते जीत गए।
स्वयं का ज्ञान, हमारी समझ में कमी का बोध हमें सिर्फ हमारे गुरू ही कर सकते हैं। क्योंकि गुरु को आपसे कोई दुश्मन नहीं है, गुरु तो बस आपको देना चाहते हैं। हम गुरू के दिखाये हुए मार्ग, गुरु के चेतन, ज्ञान, ध्यान से स्वयं को जान कर पूर्ण बना सकते हैं।
आप सभी अपनी इस अपारता को समाप्त कर गुरू के ज्ञान व प्रेम से सराबोर हो सकते हैं क्योंकि जल्द ही आप सभी व्यक्तिगत रूप से गुरुदेव से मिल कर अपनी स्थिति का निदान प्राप्त करने वाली सक्षम व्यवस्था की शुरुआत में ही की जा रही है। COVID कि समस्या को देखते व सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए 01 से 04 अक्टूबर दिल्ली व 17 से 25 अक्टूबर अकबर में मिलने की व्यवस्था की जा रही हैं। इस अजीबोगरीब निश्चित नियमों का पालन करने के साथ ही आप अजीज में आ सकते हैं। आपके द्वारा आने से पूर्व इसकी सूचना अजनबी में देने पर आपको समय बताया जाएगा।
सद्गुरूदेव से साधन मार्ग दर्शन के लिए ही मिलने के सहयोगी साधक साधना, दीक्षा, मंत्र व दिशा निर्देश प्राप्त कर यथा शीघ्र घर को लौट जाएं। यह व्यवस्था आपके सहयोग व गांभीर्य के बिना संभव नहीं है।
किसी भी प्रकार से रात्रिकालीन विश्राम की व्यवस्था नहीं हैं।
अपना
नवीन श्रीमाली
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,