घर के बड़े क्यो ब्रह्म मुहुर्त में (3:30- 5:00) उठ कर पूजा-पाठ में लग जाते हैं, क्यों सुबह-सुबह भागते और हमें परेशान करते हैं।
जो चीज हमारी बड़ी हमें कई सालो से बता रहे हैं, इसके पिछे कई वैज्ञानिक कारण हैं-
सुबह के समय आप मानसिक और शारीरिक रूप से सक्रिय होते हों कोई थकान या दबाव, डिप्रेशन नहीं होता।
शरीर का चयापचय सही रहता है, जिससे हमें कील-मुँहासे नहीं होते हैं और हम सुंदर दिखने वाले दिखते हैं। जिससे हममें आत्मविश्वासआता है है।
दिन में सभी काम करने के लिए काफ़ी समय मिल जाता है, सभी काम अच्छे से सही समय पर पूरे हो जाते हैं।
हमें कुछ समय व्यायाम करने और खेलने के लिए भी मिल जाता है।
हमारे जल्दी उठने से घर के सभी बड़े खुश रहते हैं, वह हमें डाँट भी नहीं छोड़ते।
महालेखा मुझे समय या खुद के लिए समय मिलता है, जो हम अपने शौक या क्राफ्ट को दे सकता है। जैसे- चित्रकला, मिट्टी के बर्तनों, अच्छा साहित्य पढ़ना या अखबार पढ़ना आदि।
रोज़ जल्दी उठने से हमारी प्रयास बढ़ रहे हैं।
सुबह जल्दी उठने से हमारी विश्लेषणात्मक कौशल व गणना करने की क्षमता बढ़ती है।
सुप्रभात ताजा ऑक्सीजन लेने से वी व्यायाम करने से हम पूर्ण स्वस्थ व निरोगमय रह सकते हैं कार्य के लिए चुस्त रहते हैं।
सुबह उठकर कुछ भी याद करना आसान हो जाता है संशोधन करने का सही समय होता है। सुबह याद किया गया पाठ समानता रहती है और हमारा एकाग्रता शक्ति बढ़ रहा है।
दुनिया के सभी सफल लोग सुबह जल्दी उठने को अपनी सफलता का मंत्र मानते हैं।
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