एक वसीयतनामा (वार)और मूर्ख (बेवकूफ) व्यक्ति में एक अंतर यह होता है कि मुर्ख तर्क नहीं दे सकता। और क्रोध (क्रोध) हमारे तर्क करने की क्षमता (क्षमता) जिस बच्चे को हर छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आता है, उसे झिझक देता है (भ्रमित) रहता है और हर छोटे काम को करने में अस्तव्यस्त हो जाता है, उनमें से किसी भी छोटे निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती है, या बार-बार अपना लक्ष्य नहीं रहता है, इस कारण वे हमेशा व्याकुल रहते हैं, छोटे से काम को करने में भी बहुत सोच-विचार करते हैं विचार करते हैं, या अधिकतर उनके मन में नकारात्मक विचार आते रहते हैं, क्रोधित स्वभाव वाले स्वभाव पर उस समय आप विवेक नहीं खोते व कितना जल्दी (शांत)शान्त होते हो वह ही आपको एक बुद्धिमान व्यक्ति है। एक शांत इंसान अपना नहीं खोता, कठिन परिस्थितियों में भी अपने तनावको नियंत्रण में रखता है, जो बच्चा शांत रहता है वह कठिन समय में भी निर्णय विवेक समझ लेता है।
कैसे रहे शांत (शांत)?
सबसे सरल है आप रोज योग व ध्यान दें।
जब कभी गुस्सा आता है तो तीन बार सांस छोड़ते हुए 'ऊँ' की आवाज निकलती है, और इस समय गुस्सा करने से मेरा मानसिक और शारीरिक नुकसान होता है।
क्रोधी मूर्ख कहलाने से अच्छा समझदार समझदार बने।
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