असफ़लता और दुख से जीवन रसहीन लगता है। कोई भी कार्य पूर्णता के नजदीक आकर एकदम से बिगड़ जाता है। घर-परिवार में कलह पूर्ण स्थिति उत्पन्न होती है। मान-सम्मान, प्रतिष्ठा में गिरावट के साथ नेतृत्व क्षमता मे कमी आती है, व्यक्ति दिन प्रतिदिन कर्ज में डूब जाता है।
प्रत्येक व्यक्ति को रत्न धारण कर ग्रहों के अनुचित प्रभाव को नियंत्रित करना चाहिए और सभी नवग्रहों को अपने अनुकूल कर उनके अनुकूल ऊर्जा को बढ़ावा देने से धर्म, अर्थ, काम की पूर्णता के साथ सुख, समृद्धि, यश, वैभव से सराबोर हो सकेंगे।
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,