बादामी का वैज्ञानिक नाम प्रूनस डिलसिस ( आलू मिठाई) है और रोज़ेसी (गुलाब) परिवार से संबंध रखता है। इसमें मिश्रित एसिड, यौगिक एसिड, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट की उचित मात्रा होती है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।
बादाम के गुणों के कारण इसका सेवन हृदय को स्वस्थ रखने के लिए किया जा सकता है। दरअसल, बादाम का सेवन करने से लो डेंसिटी लिपो प्रोटीन कोलेस्ट्राल (जासेल-सी) को कम किया जा सकता है। यह शरीर को नुकसान पहुंचाने वाला कोलेस्ट्राल है, जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है।
ही साथ में बादाम के सेवन से शरीर में अच्छा कोलेस्ट्रल यानी हाई डेंसिटी लिपो प्रोटीन कोलेस्ट्राल (एचडीएल-सी) के स्तर को संतुलित रखा जा सकता है। यह हृदय के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इसके अलावा, यह डिस्लिपिडेमिया (रक्त में वसा की अधिक मात्रा) से जुड़े लक्षणों को भी कम करके भी हृदय रोग से बचा सकता है। बताया जाता है कि इसमें मौजूद फाइबर, मैग्नीशियम और पोटैशियम हृदय को स्वस्थ रखता है।
वजन कम करने के उपाय के बारे में सोच रहे हैं, तो बादाम का इस्तेमाल करें। बादाम को कम कैलोरी वाले आहार के साथ शामिल करके वजन कम किया जा सकता है। बादाम की 84 ग्राम मात्रा का दैनिक सेवन करने से चयापचय सिंड्रोम असामान्य असामान्यताएं दूर हो सकती हैं, जिसमें मोटापा भी शामिल है। बादाम का सेवन करने वालों में 24 हफ्ता बाद वजन में कमी आ गई।
100 ग्राम बादाम में लगभग 12 ग्राम आहार फिर से जुड़ जाते हैं, जिनका पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डाला जा सकता है। साथ ही यह हेल्दी प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है और इसमें फाइबर लंबे समय तक मौजूद रहता है जिससे पेट भरा रहने में मदद मिलती है, इससे वजन काफी कम हो सकता है। इसी वजह से बादाम खाने के फायदे में वजन कम करने के लिए भी जिम्मेदार होता है।
बादाम के फायदों में कैंसर से बचाव को भी शामिल किया जा सकता है। बादाम में एंटीकैंसर प्रभाव होता है, जो कैंसर सेल लाइन को बढ़ने से रोक सकता है, विशेष रूप से कड़वा बादाम में एमिग्डालिन में मौजूद कैंसर का उपचार करने का प्रभाव हो सकता है। इसके अलावा, बादाम और बादाम का तेल एजोक्सिमेथेन नामक कैंसर जनित पदार्थों के कारण होने वाले समग्र कैंसर का जोखिम कम कर सकता है। यहाँ हम स्पष्ट कर देते हैं कि ये दोनों विचार उभर कर सामने आए हैं। विज्ञापन पर इसके प्रभाव को लेकर अध्ययन नए सिरे से किए जा रहे हैं। साथ ही ध्यान दें कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होना पर इसका इलाज करवाना जरूरी है।
मधुमेह से बचाव के उपाय में बादाम के गुण लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं। बादाम में फाइबर, अनसैचुरेटेड फैट और लो कार्बोहाइड्रेट होता है। साथ ही यह लो-ग्लाइसेमिक ग्लॉस्टर की श्रेणी यानी कम ग्लूकोज वाला खाद्य पदार्थ है। ऐसा माना जाता है कि बादाम का सेवन करने से टाइप 2 लिम्फ (मधुमेह) के जोखिम से बचा जा सकता है
सुबह नाश्ते में बादाम शामिल करने से ब्लड ग्लूकोज का स्तर कम हो सकता है। अगर किसी को मधुमेह है, तो उसे बादाम के साथ ही डॉक्टरी सलाह लेना भी जरूरी है। हाँ, स्वस्थ व्यक्ति इसका सेवन करके ब्लड ग्लूकोज़ को नियत्रित रख सकता है।
बादाम के गुण की वजह से लो डेंसिटी कोलेस्ट्रल का स्तर कम हो सकता है। साथ ही इसे ट्राइग्लिसराइड्स (एक प्रकार का वसा) के स्तर को कम करने के लिए भी जाना जाता है। इतना ही नहीं, यह अच्छे कोलेस्ट्रोल के स्तर को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभा सकता है। इसी वजह से छिलके और छिलके सहित बादाम खाने के फायदों में कोलेस्ट्रोल लेवल कंट्रोल को भी शामिल किया जाता है।
द्रव्य बढ़ाने और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बेहतर करने में भी बादाम के फायदे हो सकते हैं। बादाम का सेवन करने से बढ़ती उम्र के साथ कमजोरी होती है और मस्तिष्क से संबंधित न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी से बचाव हो सकता है। इसके लिए इसमें जाने वाले टोकाफेरोल, फोलेट, मोनो व पॉली अनचुरेटेड क्रिया एसिड और पॉलीफेनोल्स फैल सकते हैं।
ये पोषक तत्व उम्र से संबंधित कॉग्निटिव डिसफंक्शन (याददाश्त कमजोर होना) को रोकने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, सुबह खाली पेट बादाम को रात्रि भर भोजन करने की सलाह दी जाती है। दरअसल इसमें विटामिन-ई होता है, जो एकत्रित को तेज करने में अहम भूमिका निभा सकता है।
बढ़ती उम्र के साथ-साथ आंखे भी कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में आंखों की कमजोरी दूर करने के उपाय में बादाम के फायदे हो सकते हैं। दरअसल, बादाम में विटामिन ई और विटामिन ई की भरपूर मात्रा पाई जाती है। ये पोषक तत्व आंखों से जुड़ी बीमारी वृद्ध संबंधित मैकलमियन को दूर रखने का काम कर सकते हैं। साथ ही बादाम में जीत होती है, जो वृत्तियों को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी कारण से कहा जा सकता है कि बादाम के फायदे आंखों के कारण हो सकते हैं।
बादाम में बादाम की त्वचा में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है। यह धूम्रपान करने या अन्य कारणों से सक्रिय ऑक्सीडेटिव तनाव से प्रोटीन की क्षति को कम कर सकता है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, अल्जाइमर रोग, पार्किंसंस रोग और नेत्र रोग से संबंधित जोखिम से बचा सकता है।
बादाम खाने के फायदों में ऊर्जा वृद्धि भी शामिल है। बादाम में उच्च मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, फैट और भरता है। इसी कारण से बादाम को उच्च ऊर्जा वाला खाद्य पदार्थ माना जाता है। इसमें मौजूद एनर्जी के कारण इसे निर्दिष्ट और कुकीज बनाने के समय भी उपयोग में लाया जाता है। बादाम में मौजूद हाई डेंसिटी एनर्जी की वजह से यह व्यक्ति को ऊर्जा प्रभाव देता है।
यह बताया जाता है कि बादाम का सेवन करने से पाचन को बेहतर बनाया जा सकता है। बादाम और बादाम की त्वचा में फाइबर और प्रीबायोटिक्स होते हैं। यह आंत में माइक्रोबायोटा प्रोफाइल और आंतों की गतिविधियों में सुधार कर सकता है। इससे स्वास्थ्य पर जोखिम का प्रभाव पड़ता है और अन्य चीजों से बचाव हो सकता है। इन प्रभावों में से एक पाचन भी है।
हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाने के लिए बादाम का सेवन भी किया जा सकता है। हड्डियों के लिए कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। ये दोनों पोषक तत्व बादाम पाए जाते हैं। मैग्नीशियम को हड्डी संबंधी घनत्व को बेहतर करने के लिए जाना जाता है। इन दोनों तत्वों और हड्डियों के घनत्व को बेहतर करने वाले प्रभाव की मदद से झटके जैसे हड्डी रोग और फ्रेक्चर के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसी वजह से बादाम के फायदों में हड्डी स्वास्थ्य को भी अटैच किया जाता है।
बादाम कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। इसमें मुख्य रूप से प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, विटामिन-ई और फोलेट जैसे पोषक तत्व होते हैं। बादाम में इन पोषक तत्वों के अलावा भी कई पोषक तत्व होते हैं।
त्वचा को स्वस्थ रखने में भी बादाम के गुण महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके लिए बादाम के तेल का उपयोग किया जा सकता है। बादाम के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी एंटी के साथ इमोलिएंट (कम करनेवाला) और स्क्लेरोसेंट (स्क्लेरोसेंट) प्रभाव पड़ रहे हैं। ये गुण ड्राई स्किन, जमा और एक्जिमा के घरेलू उपचार के साथ-साथ त्वचा की रंगत को निखारने में भी सिद्ध हो सकते हैं। उसी के साथ यह त्वचा को जवां बनाने में भी सहायक हो सकता है।
बादाम के फायदों में बालों को स्वस्थ और घना बनाना भी शामिल है। बादाम में मौजूद प्रोटीन, विटामिन और टोकोफेरोल बालों के विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। साथ ही बादाम के तेल के उपयोग से बालों को उचित पोषण मिलता है, जिससे बाल भोजन और मजबूत बन सकते हैं। साथ ही यह एक क्लींजिंग एजेंट के रूप में भी काम कर सकता है।
यही नहीं, बालों के झड़ने की समस्या से लोग परेशान होते हैं क्योंकि बादाम लाभ साबित हो सकते हैं। दरअसल, आमतौर पर शरीर में बायोटिन (एक तरह के विटामिन) की कमी होने से बालों के झड़ने और सिकुड़ने की समस्या शुरू हो जाती है। ऐसे में बादाम में मौजूद बायोटिन इसके स्तर को कुछ बेहतर करके बालों को झड़ने से रोक सकता है।
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,