लग्न का मंगल व्यक्ति के व्यक्तित्व को बहुत अधिक तेज बना देता है। चौथे स्थान का मंगल जातक को कड़ी पारिवारिक रिश्ते देता है, गृहस्थ पारिवारिक सुख न की बरबर होता है। सातवें स्थान का मंगल जातक को साथी या सहयोगी के प्रति कठोर बनाता है, कलह, आठवें और बारहवें स्थान का मंगल आयु और भौतिक क्षमता को प्रभावित करता है। इन स्थानों पर स्थिति मंगल अगर अच्छा प्रभाव में है, तो जातक के व्यवहार में मंगल के अच्छे गुण आएंगे और खराब प्रभाव होने पर खराब गुण आएंगे।
मांगलिक व्यक्ति देखने में कठोर निर्णय लेने वाला, कठोर वचन बोलने वाला, निरंतर काम करने वाला, रहने का काम करने वाला होता है।
नवग्रहों में मंगल एक ऐसा ग्रह है जो कि ना केवल जड़ है बल्कि उसे लेकर हर जातक का भय भी रहता है, भूमि पुत्र होने से मंगल को कृषि से संबंधित चीजों का भी कारक माना जाता है। नई योजनाओं में सूर्य के बाद सेनापति का नाम दिए जाने के कारण मंगल को पराक्रम, साहस और शूरता का अधिपति ग्रह भी माना जाता है। मंगल शरीर में रक्त का कारक होता है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में मंगल को लाल रंग का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रह माना जाता है।
जैसे शुभ योजनाओं का केंद्र में होना, शुक्र द्वितीय भाव में हो या गुरु मंगल के साथ हो या मंगल पर गुरु की दृष्टि हो तो मांगलिक दोष का परिहार हो जाता है।
मेष का मंगल लग्न में या धनु का द्वादश भाव में होना या वृश्चिक का चौथा भाव में होना, वृष का सप्तम में, कुंभ का आठवां भाव में हो तो भौम दोष नहीं रहता।
कुंडल में मंगल यदि स्व-राशि मेष, वृश्चिक मूल त्रिकोण, उच्चराशि मकर, मित्र राशि, सिंह, धनु, मीन में हो तो भौम दोष नहीं रहता।
कुंडली में मंगल दोष की वजह से व्यक्ति को विवाह संबंधी संबंध, रक्त संबंधी बीमारियां और भूमि-भवन के सुख में कमियां रहती हैं। मंगल ऋण कारक ग्रह होने के कारण मांगलिक योग जातक हमोश ऋणी होता है।
हर मंगलवार को मंगलदेव का विशेष पूजन करना चाहिए। मंगलदेव को प्रसन्न करने के कारण उनकी प्रिय वस्तुएं जैसे लाल मसूर की दाल, लाल कपड़ों का दानकरना शुरू हो जाती हैं।
जिन लोगों की कुंडली में मंगलदोष हैं। उन्हें प्रतिदिन या प्रति मंगलवार को शिवलिंग पर कुमकुम अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही शिवलिंग पर लाल मसूर की दाल और गुलाब का टीका लगाएं।
मध्य प्रदेश के उज्जैन की स्थिति मंगलनाथ में जहां भारत का एकमात्र पूथ्वी माता का मंदिर भी है। वहां पर मंगल दोष को रोकने के लिए पूजा की जाती है। मंगल की पूजा सर्पिल मे स्थिअत मंगल दोष के अनुसार करें। उज्जैन मंगल का जन्म स्थान माना जाता है।
मंगल दोष को रोकने के लिए मूंगा पहनने लगते हैं।
लड़का या मांगा लड़की है- अगर लड़का मांगलिक हैं तो हर मंगलवार को मंगल चण्डिका स्त्रोत का पाठ करने से शीघ्र विवाह होता है। शनिवार या मंगलवार के दिन सुन्दरकाण्ड का पाठ सम्पुट पास करने से भी मांगलिक दोष युक्त युवक-युवतियों का विवाह जल्दी होता है।
अनुरुप संबंध- मांगलिक दोष से पीडि़त जातकों के अभिवावक जब किसी विवाह संबंधी रिश्ते के लिए घर से निकले तो थोड़ा सा गुड खाकर ही प्रस्थान करें, ऐसा करने से रिश्तेदारी संबंध जल्दी पक्के हो जाते हैं, मांगलिक दोष वाले जातक जल्दी विवाह के लिए कम से कम 3 माह तक नित्य दुर्गाशप्तशती के अर्गलास्त्रोत का पाठ करें।
कुण्डली में मांगलिक दोष- हर शुक्रवार को मां काली की आराधना और स्त्रोत का पाठ करने से भी मांगलिक दोष वाले जातको के विवाह में आ रही बाधा दूर जल्दी विवाह हो जाता है।
जिन लोगों की कुण्डली में मांगलिक दोष के कारण विवाह में बाधायें आ रही है, बिलम्ब हो रहा है, वे लोग शनिवार के दिन 16 बार पीपल वृक्ष की परिक्रमा कर पीपल को जल अर्पित करते हैं, ऐसा करने से विवाह जल्दी हो जाता है।
लाल रंग से पेंट करवायें- यदि आप मांगलिक दोष से पीडि़त हैं, जिसके कारण आपके विवाह में देरी हो रही हो तो अपने शयन कक्ष के दरवाजे को लाल रंग से पेंट करवायें और देखने पर लाल या गुलाबी रंग की बेडसीट बिछायें। ऐसा करने से विवाह शीघ्र होता है।
मांगलिक दोष के शिकार लड़के-लड़कियों को हर मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में घड़ का दीपक जलाये और जी को सिन्दूर चढ़ायें ये उपाय करने से विवाह में आ रही बाधा दूर है। लड़के-लड़कियों का शीघ्र विवाह- जिन जातकों की जन्मपत्री में मांगलिक दोष है, वे लोग भगवान शिव की पूजा करें और निम्न मंत्र
की कम से कम एक मातृभूमि का रोज जाप करें, इस उपाय को करने से भगवान शंकर की कृपा से शीघ्र विवाह हो जाता है, जो मांगलिक दोष युक्त लड़के-लड़कियों का शीघ्र विवाह करना चाहते हैं, वे हर सोमवार को 1200 ग्राम चने की दाल , सवा कच्चा दूध मंदिर में दान करें।
मांगलिक दोष निवारण कानूनी रूप से पूज्य सद्गुरुदेव जी से मांगलिक दोष को रोकने के लिए प्राथमिक ग्रहण करें। तथा अनुष्ठान भी पूर्ण करेंये।
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,