कालसर्प योग पूर्व जन्म के अशुभ अपराध का सूचक है। जीवन में मन में चंचलता, मृत्यु और नकारात्मक अंक से संबंधित, संतान से संबंध, संतान का न होना, व्यवसायिक संबंध और सीड़ का खेल उत्तम तो खराब होने के खेल पर, धन अशक्त, रोग व अल्पायु आदि। तंगरी दैहिक कालसर्प की जन्म कुंडली में यह फल प्राप्त होता है। दुर्भाग्य से यह स्थिति खराब हो गई है।
महामृत्युंजय कॉर्टिंग कॉर्टिंग करदाता जीवन की सुरक्षित स्थिति है। बदली होने के बाद उत्पन्न होने वाली-प्रक्रिया उत्पन्न होने वाली से उत्पन्न होने वाला है।
पंचमी के चैतन्य पर इस्कोटिंग कोटरिंग से शाक महामृत्युंजय की चैत शक्तियां से आविष्टी शक्ति में भौतिक-क्षैतिक, पारिवारिक विषाणु ही सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य, आरोग्यता, जीवन, सुख संतान की स्थिति पूर्ण है। यश, लक्ष्मी वाणी वसीयत से घर में जीवन को सक्रिय रूप से सक्रिय करते हैं।
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,