कई वर्ष पुरानी बात है, मेरे एक मित्र का नौकरी के लिए इण्टरव्यू था, मित्र बड़े परेशान और वास्तव में भयभीत थे, नौकरी की बहुत सख्त आवश्यकता थी, इण्टरव्यू के लिये बुलावा दो सौ से अधिक लोगों का था और चयन केवल पांच का होना था। चिन्ता और अनिश्चय से मित्र बड़े व्याकुल थे, मैंने कहा कि इण्टरव्यू में भीतर जाने से पहले शान्त मन से एक बार ‘हनुमान तंत्र चमत्कारनुष्ठान’ का पाठ अवश्य कर लेना। तब परीक्षार्थी तो पुस्तक टटोल रहे थे, परन्तु मेरे मित्र एक कुर्सी पर बैठकर हनुमान तंत्र चमत्कारानुष्ठान का पाठ कर रहे थे। पाठ करने के बाद उनका नम्बर आया और वे सहज भाव से पूरे आत्म विश्वास के साथ भीतर गये, बिना किसी सिफारिश के उनका सेलेक्शन हो गया, यह श्री हनुमान चमत्कार ही है।
यह सिद्ध बात है कि कृष्ण पक्ष में अर्द्धरात्रि के पश्चात शहर के किसी घने जंगल अथवा श्मशान में भी हनुमान मंत्र, हनुमान चालीसा का पाठ करते हुये हनुमान साधक निकल जायें तो सर्प, बिच्छू, जंगली जानवर क्या भूत-प्रेत-पिशाच भी पास नहीं फटकते ।
मरणान्तक पीड़ा से व्याप्त कष्ट भोगते हुये रोगियों को हनुमान साधना से अभिमंत्रित जल पिलाया है और हनुमान जी की कृपा से वे पूर्ण स्वस्थ हुये है, ऐसा केवल हनुमान जी ही कर सकते है, वे अपने भक्त को कष्ट में नहीं देख सकते है। उनके लिये कुछ भी करना सहज सम्भव है, क्योंकि जो एक संजीवनी बूटी के लिये पूरा पहाड़ उठा कर ले जा सकते है, जो रावण जैसे महा प्रतापी का अहंकार चूर-चूर कर सकते है, ऐसे एकादश रूद्र की महिमा उनकी भक्ति करके ही जानी जा सकती है।
श्री हनुमान प्रतीक है- ब्रह्मचर्य, बल, पराक्रम, वीरता, भक्ति, निडरता, सरलता और विश्वास के। शत्रु अथवा बाधा न छोटी होती है और न ही बड़ी, वह तो केवल व्यक्ति या घटना होती है और उस पर आत्म विश्वास द्वारा विजय प्राप्त की जा सकती है और जो श्री हनुमान का साधक है, उसके भीतर तो आत्म विश्वास, आत्म शक्ति छलकती रहती है। उसे ज्ञान है कि मेरे पीठ के पीछे प्रबल पराक्रम के देव बजरंग बली खड़े है, फिर मुझे काहे की चिन्ता।
23 अप्रैल 2024 को हनुमान जयंती है, यह हनुमान साधना का सिद्ध दिवस है। इस दिन संकल्प लेकर प्रारम्भ किया गया अनुष्ठान/साधना निष्फल नहीं जाती और साधक को अल्प काल में ही परिणाम दृष्टिगोचर होने लगते है। इस साधना को 23 अप्रैल अथवा किसी भी मंगलवार को प्रारम्भ किया जा सकता है।
लाल वस्त्र धारण कर दक्षिणाभिमुख होकर वीरासन में बैठ जायें। अपने सामने एक चौकी पर सिन्दूर छिड़क दे तथा उस पर हनुमान का चित्र स्थापित करें। किसी पात्र में यंत्र व सामग्री को स्थापित कर ले। दाहिने हाथ में जल लेकर संकल्प करें कि मैं अमुक नाम का व्यक्ति आमुक प्रयोजन से यह अनुष्ठान प्रारम्भ कर रहा हूं।
इसके बाद श्री हनुमान का सकाम ध्यान करें। दोनों आंखे बन्द कर कुछ देर तक उनके स्वरूप का स्मरण करें तथा उनके आशीर्वाद की कामना करें। हनुमान का ध्यान मंत्र इस प्रकार है-
करोड़ों उगते सूर्यों के समान तेजस्वी, सुन्दर, वीर आसन पर विराजमान, मुंज की मेखला और यज्ञोपवीत धारण करने वाले, कुण्डलों से सुशोभित, ऋषियों द्वारा पूजित, वैदिक ध्वनि से प्रसन्न, वानरों के स्वामी, एक पैर से समुद्र को पार करने वाले, देवता भक्तों को मनोवांछित फल देने वाले श्री हनुमान मेरी रक्षा करें।
हनुमान शक्तिशाली, पराक्रमी, संकटों का नाश करने वाले और दुःखों को दूर करने वाले महावीर है, इनके नाम का स्मरण ही साहस और शक्ति प्रदान करने वाला है।
सामने मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठित ‘हनुमान यंत्र’ को किसी पात्र में स्थापित करें। यंत्र पर सिन्दुर अच्छी तरह से लगा दें। फिर गुड़, घी, आटे से बनी हुई रोटी को मिला कर लड्डू बना कर उसका भोग लगावें। फिर निम्न मंत्र का ‘मूंगा माला’ से 11 माला मंत्र जप करें-
मंत्र उच्चारण करने के तुरन्त बाद पूजा स्थान में वहीं भूमि पर सो जायें। यह रात्रि कालीन साधना है। इस प्रकार नित्य 11 दिनों तक करें। जो नैवेद्य हनुमान जी के सामने रखा है, वह आठों प्रहर रखा रहे। अगले दिन रात्रि को वह नैवेद्य दूसरे पात्र में रख दें और नया नैवेद्य हनुमान जी को चढ़ा दें।
यह निश्चित है, कि 11वें दिन हनुमान जी साधक को प्रत्यक्ष दर्शन देंगे और उसके प्रश्नों का उत्तर देंगे अथवा जिस निमित्त यह प्रयोग किया गया है, वह कार्य निश्चय ही सम्पन्न होगा।
जब यह प्रयोग पूरा हो जाय, तो एक एकत्र किया हुआ नैवेद्य या तो किसी गरीब व्यक्ति को दें दें, अथवा दक्षिण दिशा में घर के बाहर भूमि खोद कर उसे गाड़ दें।
इसी प्रयोग से साधकों ने कई बड़ी विपत्तियों को सरलता से टाला है, भयंकर रोगों से छुटकारा पाया है, दण्ड पाये व्यक्ति को इस प्रयोग से निदान/छुटकारा मिल सका है, वास्तव में ही यह प्रयोग अपने आप में अचूक और अद्वितीय है।
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,