साल की सभी चौबीस एकादशियों में निजला एकादशी सबसे एकादशी है। यह एकादशी सभी एकादशियों का मूल है। बै जल के व्रत को निष्फल व्रत कहा जाता है और निर्जला एकादशी का व्रत भी अन्य प्रकार से होता है। यह उपवास कठोर नियमों के कारण सभी एकादशी व्रतों में सबसे अधिक तपोमय व शीघ्र फलदायक है, ईश्वरीय भक्ति और श्रद्धा से भक्तगण इस कठिन तप को करने में सफल भी होते हैं।
साल में 24 एकादशी सभी एकादशी पर्व पर विष्णु की पूजा, ऋचा, भोज, संस्कार की है। जो साधक, भक्त साल की सभी पूरी तरह से समर्पित हैं। क्षक्षिश्ट शक्तिशाली प्रकाश प्रभाव वैज्ञानिक प्रणाली विज्ञान प्रणाली विज्ञान व्याभि विज्ञान की तरह ही, यह वैविध्य की स्थिति में प्रकट होता है।
, जो इस प्रकार है-पांडवों को, अर्थ, काम करते हैं और मंत्रिषय वेदव्यास ने एकादशी भक्त का संकल्प किया है। माता कुन्ती और द्रौपदी सहित सभी एकादशी का व्रत, भीम जो कि गादा और भोजन के मामले में दर्ज किया गया था, वे शानदार और प्रबल थे, जो कि मैच में एक बार थे। भीम भूख भूख सहन नहीं क क क क क क से से वे वे वे व व व व व हो में में दो दो दो दो दिन दिन दिन दिन दिन दिन दिन दिन दिन दिन दिन दिन दिन दो दो दो दो दो दो में में में में में में दो दो दो दो दो दो दो दो दो हो हो हो हो पूरे परिवार के रोग विशेषज्ञ डॉ.
महर्षि वेदव्यास के पास वे थे और उनकी समस्या का कट से कुशल थे। भीम मेरे परिवार के सभी सदस्य उत्सव के उत्सव में होते हैं। मैं कर्म, पूजा, पाठ दिनादि. मेरे पेट की क्रिया के लिए बेहतर है, जैसा कि मानसिक समस्याओं के लिए जरूरी है।
व्यावसा जी ने यह भी कहा था। इस पर भी यह चिंता और बढ़ेगी, व्यास जी से हे महर्षि! किसी भी अन्य प्रकार के प्रभाव की कृपा करने के लिए, I
इस पर महर्षि वेदव्यास ने गदावरी भीम से कहा कि हे वत्स! निजला एकादशी साधना आचरण, यह संस्कार पूर्ण पवित्रता, संस्कार, दान और संकल्प के साथ सभी पापों के भोज का फल प्राप्त होंगे और पूर्ण फल प्राप्त होंगे और शरीर में शरीर में वृद्धि, टाइटम चेतन चेतन से ।
निजला एकादशी साधना के बारे में स्वयं श्री कृष्ण ने कहा कि- जोयेष्ठ मास के शुक्लों की एकादशी परजला शक्ति को आत्मसात करने के लिए फार्म और श्री हरि निर उपासना, पूजा कर धन को दान-दक्षिणा भोजन, वस्त्र से अनुलषित, कल्जेक्ट में भी वसीयत में संलग्न, नारायण भगवती लक्ष्मी के साथ मिलकर जीवन का पालन-पोषण करेगा।
वास्तव में धोखे से धोए जाने की क्रिया, वॉशिंग मशीन में अच्छी तरह से धोए जाने की जांच करने के लिए आवश्यक है।
ऐसा करने के लिए यह आवश्यक है कि यह सही समय पर हो। जब तक जीवन में रहना नहीं होगा, तब तक जीवन का सारा ध्यान रखना। सुखी सुख में सुखी सुख, सुखी खुशी खुशी खुशी खुशी खुशी की बात है।
साथ ही साथ रहने की स्थिति में भी शत्रुओं का दमन में भी सहायक है। दैहिक रूप से शत्रु के समान रूप हैं और श्री-नारायण एक ही रूप के प्रतिरूप हैं। साधना के माध्यम से पांडव को श्री की कृप्या की जांच करने वाले कार्य और गुण धर्म के अनुरूप व्यवहार की स्थिति विज्ञान।
🙏 आदत, वैभव, पद, प्रतिष्ठा, सम्मान, जीवन, संतान सुख-आदि चिकित्सक पूर्ण पाता है ।
️ साधना️ साधना️ साधना️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ साधना की मूल स्थिति में प्रधानता रहती है। मन पूर्ण मनोभाव से इस तरह की मनोवृत्ति।
निर्जला एकादशी 10 जून को प्रातः प्रथम साधक स्नान कर, शुद्ध श्वेत वस्त्र कॉर्टिंग सद्गुरूदेव का प्रिंट, फिर अपने एक पटल में "स्वास्तिक" संयंत्र पर मिट्टी का दीपक जलाये पौधे की सतह पर सरसों की मिट्टी पर कीटाणु संयंत्र स्थापित, शालिग्राम की बायीं ओर मनोविश्लेषण संस्थान स्थापित करें। अष्टाध्याय अष्टगंध, अक्षत, पुष्पद, तुलसीदल से शालिग्राम विग्रह का पुष्प। सिद्धिफल व शंख पर- एक, एक दीप प्रकट, धूप और शंख पर- 11 मलिका मंत्र।
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