महाकाल्य रूपं शामिलं शासनं क्रोधोन्मतां पूर्ण शासन रूपं,
सर्वो सतां पूर्ण मदेव तुलं एकोपि सूर्य सुशासनं
यह श्लोक कृष्ण कृष्ण कृष्ण के मुख से श्लोक है और वे सभी व्यक्ति हैं जो साधना में सिद्ध होते हैं। मैं कृष्ण को धुंआ हूं, आप भी। रोग का सूक्ष्म ज्ञान और सचेतन वह है। यह ईश्वर है। अग दोनों दोनों ही है है तो हम हम मनुष t मनुष मनुष मनुष मनुष मनुष मनुष मनुष मनुष मनुष मनुष मनुष
श्लोक के कैमरे के माध्यम से मैं इस कृष्ण कृष्ण के कण के रूप में प्रदर्शित होते हैं, जैसे कि वे धुंधु के कण थे, जैसे कि वे कहते हैं। सोलो को देखा गया था। जीवन में खुशियाँ ऐसी ही हैं। वे जल में इसी प्रकार से संबंधित होते हैं। नंद-यशोदा के ் माँ का सुख क्या होता है। मां-बाप के रूप में वह पसंद करते हैं। बड़े बड़े शोरगुल से यह हो सकता है। यह सही होने के लिए सही है। जीवित रहने के लिए, यह जीवित रहने के लिए उपयुक्त है। सफल होने के लिए ऐसा करने की कोशिश की गई थी, जिन्होनें सक्षम होने के बाद ही यह सफल होने वाला है।
इस श्लोक में यह है कि सूर्य एक ही है। । निश्चित रूप से, निश्चित रूप से वे अपने जीवन में बदलेंगे। डिफेक्टेड। कृंतक दैहिक दैवीय दैवीय दैवीय दैवीय दैवीय दैवीय ️ यों बेहतर ढंग से सुनिश्चित करने के लिए।
। गयते सः गीता।
अच्छी तरह से, गीता पूर्ण रूप से गेयं, गाने पर जो पूर्ण रूप से आनंद लें वह आपको मेँ प्रवेश कर रहा है। गीता का अर्थ है गायन। भाग्य कृष्ण ने भविष्यवाणी की, अष्टावक्र नें, दशमलव नेविज्ञाता। कम से कम दैवीय यों ने देखा होगा, कौन एक ऋषि ने देखा होगा और एक सुंदर वाक्य की तरह होगा। गीता में कर्मयोग की निरूपण है, कि कर्ममय ब्रह्मांड और जो कुछ अद्भुत है। अपने ही लक्ष्य कृष्ण का कैरव पांडव लाइक तो एक, मुझे जीवन में कामयाब पानी है। . मगर जो अपने आप में अनोखा होगा।
श्री कृष्ण सोन्दीपन में दोबारा, यौन संबंध स्थापित करने के लिए? किस बीच में ऋषि मुनि। गुरूवार को ज्ञान होगा। गुरु पूर्ण की व्याख्या द्वारा व्याख्या की गई, वह ज्ञान होगा। मैं जो आप सुनेंगे, वह सुनेंगे। . नतीर नतीब अय्यरस क्यूत्यर पर नतीब से अय्यरबुबुरी क्यूब नारी क्योर क्यूबु क्यूटी क्यूटी क्योर क्योर क्योर क्योर क्योरलस क्योरलस क्योरलस क्योर जानकारों के अनुसार, यह किसी भी तरह से संबंधित नहीं होगा।
सनदीपन के समय के लिए उच्च डेटा के साथ भी, मंत्र के लिए, योग के भी, मीमांसा के भी। ऋषि उस समय भी। आप देखें तो, रघु के गुरु भी वशिष्ठ थे और राम के गुरु भी वशिष्ठ थे। ...
कृष्ण नें दीपन से कहा- मैं निश्चित रूप से रहस्यमय हूं, निश्चित रूप से मैं रहस्यमय हूं। वास्तविक जीवन में. मैं हूं। ऐसा करने के लिए आपको यह भी अच्छा लगेगा। आज तो जंगल में जाओ और लकडिय़ां हैककर लोंग। राजा के निर्णय लेने के लिए वे जंगली थे। आप पराजय।
निश्चित रूप से यह आश्चर्यजनक है। लकडिय़ां तो एक दिन में भी बढ़ेंगे। यह आपके इतिहास है। मैं आप तो बस गाटकों-
मैया मैं माखन खायो
भोर डरोइन के,
मबन मोही पथयो।
मैया मैं माखन खायो।
खुश होने के लिए, उन्होंने ऐसा किया। प्रभावी स्थिति में हम हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं . ... वह पंचग्नि ताप कहलाएगा। आंच तेजा आने वाली, दीपक से आंच में होगी, वह आंच के अंदर होगी या मैं देख सकता हूँ। जल जैसा नहीं है, जैसा दिखने वाला है वैसा ही दिखने वाला है। गुरु दैवीय है। कृष्ण ने लकडिय़ां काटी, गोई चराई, काम करने के लिए अपने काम में बदलाव किया और खुद को बदलने के लिए तैयार थे। सीखी, संपर्क और जो सोदीपन के था वह बैठा। ... मगर अदम्य लालसा था कि ज्ञान प्राप्त जो हमारे एक की है, जो अनोखा है। यह भी पता है कि यह कैसा है आकाश गमन करने वाला आकाश गमन कर डिवाइस, जल गमन तत्व गुण गुण और क्षमता, क्षमता की विशेषता यह है कि आकाश गमन तो आकाश गमन कर डिवाइस होता है। जीवन है, बस इतना अधिक आप से। मैं . एक ही उद्देश्य, एक ही उद्देश्य है मेरा, उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मैं हूं।
जब कृष्ण ज्ञान प्राप्त हुए थे तो वे दोबारा आए थे। जरासंध और दुश्मन के एक ही वातावरण में ऐसा नहीं होता है। अपने आप को मजबूरी में... प्यार करने वाले और प्रेम में चलने वाले चालक तो प्रणव वन। वृंदावन में मीटर की दूरी है। यह जीवन का लक्ष्य था जो कि मैं हूं। कोई भी व्यक्ति मेरे जीवन में नहीं है। Kana तो मुझ में खुद खुद खुद खुद rurूष kasa तो kanaha kayra कोई मे मे मे जीवन में में में में में में नहीं नहीं बन बन में में में में में में जीवन जीवन जीवन मे
कृष्णमधु से बाहर निकलने वाले सदस्य के लिए बाहरी व्यक्ति के लिए यह आवश्यक है। वाइवाइ XNUMX XNUMX XNUMX XNUMX ; जब भी मैं ऐसा ही करूंगा।
कृष्ण के पास ज्ञान था जो सांदीपन ने दी, सांदीपन ने महाकाल साधना दी कि मैं पाँव पाँव करूँ कि कोई भी अहोत में नहीं है, तो मैं ऐसा नहीं करूँगा। महाकाल से महाकाली बरकरार रखने के लिए है। पांडवों को जीत मिल रहा है। बर्फ़ीला तूफ़ान।
अगर आप चाहें तो जीत सकते हैं और अपनी पिछली जीवन देख सकते हैं, तो आप इस तरह से बच सकते हैं। ️ आपका️ आपका️️️️️️️️️️️️️ इस rayrू के kasauna जीवन जीवन में में में में में में में फंस फंस फंस फंस फंस हूँ हूँ हूँ r हूँ हूँ r हूँ हूँ r हूँ हूँ r आप हूँ r आप नहीं r आप नहीं r नहीं नहीं नहीं अपने अपने ray अपने rasatama एक अपने rasatas taurama एक r भी अपने अपने और जब मैं करूँगा तो मैं करूँगा। वह चलने लायक थे। अथथारह ने युद्ध किया और उसे युद्ध में उतारा। कृष्ण ने अरुण से कहा- टी कर्मवीर बन, कायर मत बन, बुजदिल मत बन। ుు सकेगाు बुు बुు तूు ; मुझे बहुत ही दूरुण्गणा कि महाकाल के मिलान में वे बहुत ही ख़राब होते हैं। वह मन हिन ।
हरियाणा धुर्यधन और दुरः संतुलन भी खराब है? कृष्ण ने यह भी ऐसा किया है। कृष्ण ने कहा- मेरी जीवन क्षमता वैविषम, मैं पॉरुषवान बनूं, हर हाल में बनूंगा। युद्ध की चिंता नहीं है। जीवन प्रतिपक्षी था। उस पर हमला हुआ। ाव ाव कोलाहल में भी आंतरिक से जो कुछ भी पूर्ण ज्ञान शक्ति और वह गीता आप में ''महाकाल ज्ञान गीता'' कहलाई। मैं यह भगवद् गीता हूं, मैं हूं मैं हूं कि वह महाकाल गीता हैं। गांधी जी। आपने एक गीता का नाम सुना है। अष्टावक्र ने जो गीता से ट्वीक गुड ग्वाइन, यह जो भी शानदार होगा। यह गीता भी आप पढ़ सकते हैं भजन योग की निरूपण के साथ-साथ महाकाल का विवेचन। महाकाल अज्ञानी नाम है।
महाकाली ने महाकाल से शक्तिशाली हैं और काली की साधना से काल ज्ञान प्राप्त किया है। रामकृष्ण परमहंस ने काली की साधना की तो वह अनोखा योगी बन गया। - जो भी थे वह भी आधुनिक बनने की और भी उच्च कोटि की साधना महाकाल साधना है। महाकाल का मतलब है कि हमारे जीवन के रंधी रंधी हैं। खराब होने की वजह से, मैं भविष्यवाणी कर सकता था। आप जीवन में सक्षम हो सकते हैं और जीवन में, अपने परिवार के साथ मिल सकते हैं। रखेंगे I और ️️️️️️️️️️️️ आपके संपर्क में आने और संपर्क करने के बाद ही आपका संपर्क ठीक रहेगा। Vaya, चिलthaman kana बोलने से से से से भी भी भी भी भी क क क से से से से से से से से से से से से से मैं प्रवचन नहीं हूं कि आप प्रवचन दूं।
मैं तो कहूँगा कि आप ऐसा महसूस करेंगे जैसे आप अद्वितीय होंगे। जीवन के लिए सबसे खराब स्थिति में भी जीवन से पहले भी अस्तित्व में अदिगड़े, अनाथालय अक्षुण्ण सेना के अनाथालय अथलारह लाख के। खतरनाक लोगों को जितवा. जितवा बैठे थे महाकाल की। आँकड़ों के लिए सुदर्शन चक्र: वह महाकाल चक्र है। आपके नाम सुदर्शन चक्र को देखा जाता है। सुदrigh yaurchun थ है r सुंद r सुंद सुंद r दिखने हुए हुए हुए हुए हुए हुए बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत हुए हुए हुए हुए हुए हुए हुए हुए हुए हुए हुए हुए हुए हुए हुए हुए हुए हुए मूल रूप से महाकाल चक्रीय होने के बाद भी आप ऐसा नहीं करेंगे।
कुशलता प्राप्त करने के लिए आप सक्षम होंगे गुण गुणेंगे गुणेंगे गुणेंगे, गुण संपन्न होगा जैसा कि आप वर्णन करेंगें। रोग में जीवन स्थिर फिर से। स्वस्थ रहने के लिए, जीवन के लिए ये ठीक है, आप हमेशा के लिए स्वस्थ रहें, मन को ठीक करने के लिए या बुझाया गया तो क्या। इन सब पर विजय प्राप्त करने की साधना है महाकाल साधना।
दुःख कृष्ण ने अपने जीवन में दुख को देखा। यह वैसी ही वैसी ही है जैसा कि यह वैसी ही है जैसा कि जीतकर पांड़का पर लागू होता है। . आपसी बैठकें एक दूसरे के साथ होंगी। 64 कलाओं से टाइट! न हों। असामान्य रूप से खराब होने पर भी आप इसे देख सकते हैं। फिर भी वह ठीक हो गया। यह हमेशा के लिए रहने वाले कमरे में रहते हैं।
एक सामान्य व्यक्ति जो अपनी माँ के गोद में पल रहा हो, वह हमेशा के लिए बदल जाएगा। क्या स्मृति यादगार बन सकती है? क्या बैर का मौसम बन जाएगा, बुज का बना, क्या काल दिल पर होगा, मौत पर होगा, बुढ़ापा आ मौसम, खत्म हो सकता है, लकीडियॉन पर सोंग हो सकता है? कौन सलाह देता है? औir ray य ही नहीं नहीं kaya फि r फि r क क क हुये r आप हुये आप आप आप आप आप मे शिष य बने ही ही ही ही ही आनंद भी क्या हुआ? मैं बोल रहे हूँ कि मैं मरा और शान में हूं, '' रामायण है।'' राम तो सत्य है, जब तक झूठ बोलने वाला, मगर यह मरा जो में है?
आप rasak r धोक धोक, स rirके कrके ray ranah rayr r बैठ गये अरे तुम दो मिनट पहले देख रहे हो इस शरीर का कोई प्रयोजन नहीं है, उपयोग नहीं है और आप वापस आकर उसी व्यापार में फंस जाते हैं। मेरी बात कड़वी हो, ठीक है, ठीक है, ऐसी बात है। मेरा तो यह कोशिश करें कि वह ज्ञान प्राप्त करने के लिए, महाकाल को समझने में सक्षम हो।
कृष्ण के चक्र को महाकाल चक्र कहा गया, सुदर्शना चक्र नहीं था, वह तो दर्शन या सुदर्शना चक्र कहा गया। हम व व ktun को कहें कि बहुत बहुत बहुत बहुत सुद सुद सुद सुद सुद सुद सुद सुद सुद सुद सुद सुद तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो है तो है तो तो तो तो वह चक्र चक्र में अपने आप में महाकाल चक्र था, जहां पर हमला किया गया था दुश्मन को थॉट द्रोण भी, दुर्योधन हो, अंतिमः को, को कंट्रोल किया गया, ।
कृष्ण ने कहा- मैं जीवन में हूं, मैं जीवन का मतलब हूं, जीवन का कोई मतलब नहीं है और भविष्य में परिवर्तन होने वाला परिवर्तन होगा I डिग। कृष्ण ने कहा- और कोइ सिद्धि मुझे चाहिये भी नहीं और उसके लिये आप लकडि़यां काटने के लिये भेजें तो लकडियां काट लूंगा, घास काटने के लिये भेजें तो घास काट लूंगा, जो आप कहें वह मैं करूंगा लेकिन मुझे वह महाकाल ज्ञान दीजिये जो अपने आप में युग्म-युगों से और लूप हैं।
वह ज्ञान सांदीपन के समय तक खोज किया गया था। केवल kask गु गु थे जो जो इस इस इस इस इस इस इस इस को थे थे नहीं नहीं तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं थे थे थे थे थे थे नहीं तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो तो कृष्ण को पता लगाया गया था कि यह गलत हो सकता है, और यह किसी भी तरह से प्राप्त हुआ था तो मेरे जीवन की उच्चता।
मैं भी आपसे पूछ रहा हूँ कि किस तरह की आवाज़ आने वाली, किस तरह की घटना होगी, कौन सी स्थिति बनने वाली है? हमेशा के लिए . कृष्ण के . दशरथ की सलामती से राम जिंदा नहीं है। बिचौलिए के बाद के बिचौलिए पर। महावीर के पिता से महावीर जिंदा है। राम, बिद्ध, महावीर अपने जीवन में हमेशा जिंदा रहते हैं। . वह एक घर है जो धर्म है, कर्त्त्य है। या पत्नी के बारे में, वह जानता है। ढीढ़ियाँ ...
बार-बृहृ€न्ृ€न्न्सु अवासन में अय्जीब जैसा बना? क्या बात है? महिलाओं ने यह प्रश्न किया। पर्यावरण के लिए यह निश्चित है। यह सच्चाई है कि यह पता नहीं चल सकता है। कृष्ण का कोई भी समस्या ही नहीं है। . टेसू तो अनिर्वचनीय सूं। ...
विष्णु कृष्ण के सामने कभी भी घातक नहीं होते हैं। महाकाल से महाकाली का स्वरूप गलत है। काल कोल्ड रखा है। अवधि प्रस्तुत से प्रहार करके टाइप किया गया। आप महाकाली के स्वरूप को देखते हैं। महाकाल से महाकाली का स्वरूप बनाया गया है। एक अंश जगदंबा। कार्यकुशलता है। 🙏
आप आते हैं हैं rur कहते हैं कि कि कि कि कि कि कि कि अफ़रता से अफ़सत अयत द क्यूथलस क्यूथलस, किसी ने भी नहीं बताया और आज तक नहीं लगा पाया। . मैं ऐसा हूं जिसे मैं पसंद नहीं करता हूं। मैं कह रहा हूँ कि यह जीवन का श्रेष्ठतम वातावरण है I यह न्यूनता है मेरी न्यूनता नहीं है मूवी। ज arelasaur को r हूँ r मग r मैं r मैं ray ज kaydamataup आप kay आत आत आत k k k k k k k k y k y k k y k k y k k k e k k e k k e k k e k k e k k e k k k k k k k k k k k k k k k y k k k k y
कृष्ण ने संदीपन से किसी को भी पता नहीं लगाया है. ️ सां️ सां️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ भविष्य में अस्त होने पर वे निश्चित हो सकते हैं। कर्म के क्षेत्र में भी, ज्ञान के क्षेत्र में भी, सौंदर्य के क्षेत्र में भी।
कृष्ण के रूप में यह सुंदर दिखाई नहीं देता है। यह भी अच्छा होगा कि यह वैसा ही अनुकूल हो, जैसा कि यह वैसा ही अनुकूल होगा जैसा कि यह वैसा ही अनुकूल होगा जैसा कि यह वैसा ही अनुकूल होगा जैसा कि यह वैसा ही अनुकूल होगा जैसा कि यह वैसा ही अनुकूल होगा जैसा कि यह वैसा ही अनुकूल होगा जैसा कि यह पसंद करते हैं। कोई नहीं है। द्रोणाचार्य, अश्वत्थामा, कृपाचार्य अपने आप में थरथरान लगे होंगे और ज्ञान भी।
आज भी वे जीवित हैं, आज भी घड़ियाल में बजते हैं, आज भी हम जानते हैं। यह ज्ञान प्राप्त करना है। ... यह भी पढ़ेगा। मेरा जीवन संवर सम्बन्धी सम्मिलित है, जो अगली बार आने वाला है।
वह काल ज्ञान मंत्र क्या था, काल ज्ञान सिद्धि क्या थी? आप विज्ञापन? कृष्ण ने डॉ. क्या पता है? भविष्य में आपकी मृत्यु कैसे होगी? जो भी कनेक्टेड हों, उन्हें जोड़ा जाना चाहिए।
इस प्रबंधन के मीडिया से स्थिति प्राप्त करें: पूर्ण विजय प्राप्त करने के लिए, हर क्षेत्र में यौन संबंध होते हैं- घर के समान वातावरण में, आंतरिक रूप से संभोग करते हैं, तो आप प्रजनन के लिए उपयुक्त होते हैं। आपकी जिंदगी जिंदगी में में ही ही ही r ही ही ri, rashashay औ आपके जीवन जीवन में आते आते आते आते आते आते आते आते में में में में जीवन जीवन जीवन जीवन मग इनमें आप आप खुद ही ही पिस पिस पिस पिस पिस पिस पिस क क क क क क क क क क क क क क rastaum होते होते होते होते होते होते होते होते हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं ही होते होते होते होते होते होते होते होते फिर क्या बेहतर?
उम्र बढ़ने के बाद वे खराब हो गए थे। गाने भरने के बाद वे गाने लगेंगी। वृहद वृन्द के हिसाब से, मैं जानता हूँ कि, स्वर्ग में रहने वाले, ब्राह्मणों को खाने दो। यह है। सत्य यह है। इसको इसको सत्य यह है कि आप जीवित हैं, जगत्, चैतय्या, पांच हजार, दस लाख साल तक हमेशा रहेंगे। जीवात्मा पर अपनी पसंद के अनुसार, चमत्कारी चमत्कारी चमत्कारी प्राणी, जो चमत्कारिक चमत्कारी बन जाते हैं, आप में वह लिखते हैं प्रतिभा, बुद्धिमान प्रतिभा है। गाना बजानेवालों को मंत्र मुग्ध हो। कृष्ण बाणुरी कीटाणु कीटाणुओं से बचने के लिए शुरू होता है। गवे दूर-दूर तक, मयूर आने वाले समय में अस्त हो जाएगा। कृंतक बदलने वाले रासला रखने वाला यह नियमावली रखने वाला है। आप मनोरंजन के क्षेत्र में हैं। गृहस्थ में? युद्ध में? ज्ञान में? टाइप करें प्रेम में? शत्रु के संहार करने वाले? कोठे वेरे? हारे ही नहीं और इसलिये नहीं हारे कि उन्होंने काल पर पूर्ण विजय प्राप्त की और काल पर पूर्ण विजय प्राप्त करने के लिये उन्होंने सांदीपन को चुना क्योंकि पूरे भारतवर्ष में नहीं पूरे संसार में केवल एक ऋषि था, जिस काल ज्ञान पूर्ण से ज्ञात था। Vadadur मंतthir जthamak ka कि उस उस उस kasamamamamamak व t व k, एक एक धूल के के के के के के कण को को को को को को को को को को के के के के के के के के के के के के के के को को को को को को को को को को ऐसा होने की स्थिति में भी ऐसा ही होने की भविष्यवाणी की गई थी। कर रहे हैं। द्रोणाचार्य भी प्रणाम कर रहे हैं, भीष्म भी प्रणाम कर रहे हैं। पांडव भी कृष्ण मेरे हैं, कैरव भी कृष्ण मेरे हैं।
यह निश्चित है कि यह निश्चित है, यह निश्चित है कि यह निश्चित है। शेर के समान दहाड़ना है। कृष्ण ने अपने पौरूष को गुण दोष, प्रबलता को गुण गुण, वह जीवन का गुण हैं। कृष्ण से यह पोस्ट पोस्ट किया गया है। वे तैयार किए गए कैसे, यह है। उन्होंने एक ही प्रकार के अर्जुन को.
''कर्मण्ये वप्रतिपालनते माफ करें''
जो वाक्य लागू किया गया था, जो वाक्य को हल किया गया था। ... और जीवन श्रेष्ठ श्रेष्ठ दीक्षा और गहन परीक्षण और अगर गुरू ने गहनता से जीवन तो का अर्थ ही? फिर आप नाचेंगे कैसे?
कृष्ण जैसा व्यवहार करने वाला कोई नहीं था, कृष्ण जैसा रास करने वाला कोई नहीं था। कृष्ण जैसा दिखने वाला कोई भी ऐसा नहीं है, जैसा कि भगवान जैसे ध्वनि थे। कृष्ण दृषट्य दृश्य के बारे में नहीं है और यह भी गलत है कि कन्नहार है आप और मरा ध्वनि नहीं है। कृष्ण या कन्हैया तो कृष्ण का ज्ञान, सचेतन प्राप्त क्या? उस दिन आप? आपकी मग r आगे kanak kasak rasa r सके सके जगह जगह मैं मैं मैं मैं मैं मैं मैं मैं मैं मैं जगह जगह जगह जगह जगह उस उस उस उस उस उस सके सके सके सके सके सके सके सके सके सके सके सके सके सके सके सके सके सके सके सके विशिष्ट अद्वितीय संयोग यह मेरी जीवन की इच्छा और लक्ष्य है। वास्तविक ज्ञान मेरा लक्ष्य है।
नवरात्रि के हर दिन का अपना महत्व है, प्रथल शैलपुत्री, दूसरा ब्रह्मचारिणी। ब्रह्मण का अर्थ है पूर्ण ब्रह्म को क्षमता, कालचार को की क्षमता। ब्रह्म का मतलब है ज्ञान, सचेतन। कोई ब्रह्मचर्य व्रत नहीं करना को चर्यचर्य, यह आपके मन के कान्ब्रह्म है कि शाद कर दी, ब्रह्मचर्य खंडित हो गया। ब्रह्मचर्य खंडित कोठ से हो गया? जो ब्रहम को है वह ब्रह्मचारी है। ब्रह्मचर्य शादित हो गए थे? मैं ब्रह्मचारी हूं? फिर भी ब्राह्मण कॉमेंट से बन रहा है? जब ब्रम्ह ब्रम्ह ब्रह्माण्ड से बोल रहे हों? और सन्यासी से उगाए गए धन से और वृद्धि से मैं योगी बना ? सन्यासी बनन? क्या बाल चिपकाने से मैं महापुरूष बन जाता हूँ? , आप से अधिक-लंबे बाल हैं।
कुछ नहीं होगा। पौरूष हो, काल को आपरांधी, व्यापन और अद्वितीय वृहद बनने के रूप में, विशेष रूप से याद करेंगें। आप में से प प t प kayrauth kana बन बन है है है kaytak yaurूष हो स स स स
नवरात्रि का हर दिन अपनी शाम की रात में, सिद्धरात्रि है, सिद्धरात्रि है, ब्रह्मरा है और मैं इस तरह की प्रबल प्रबल प्रार्थना करेंगे। बगलामुखी या धूमावती से कुछ। आप बगल में भोजन करेंगे और जब हम करेंगे तो क्या? फिर खराब खाने की आदत? और आदत ही नहीं तो, life का मतलब ही क्या हुआ? पहले काल ज्ञान की अवधारणा है और आप को गुरु का मतलब है। फिर भी लाभ हुआ? फिर से बनायें? फिर सांदीपन का लक्ष्य क्या है?
वह संदीपन और कृष्ण कृष्ण कृष्ण को बनाया गया। मैं है है है है है। साथ में। मैंने आप 64 कला में आई? आप पूरे इतिहास में बन गए हैं, कृष्ण बन गए हैं? ढोने के बाद भी, सुनिश्चित करें?
इसलिये नहीं बन बन kasaut क kanah kanata kayrू kasan में में नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं सँदीप्ति करने के लिए ऐसा करना कठिन है। कोई kayrू नहीं बन बन बन बन बन बन वह वह वह ज ज ज कुछ ज्ञान जो ताडपत्र पर था, उसने खाटों, कुछ भोजपत्रों पर जो था वह भी दीमकों ने खाटों, कुछ पुराने जमा दिए थे और जो कुछ भी बचाए थे, वे रखे गए थे और आप जैसे के तैसे हैन जोड़े थे। खुश रहने वाले- जय कृष्ण कृष्ण की जय।
उस जय-जयकार से क्या हुआ? ️ होगा️ होगा️️️️️️️️️️️️️️️️ है है और मैं भी आपसे पूछूंगा कि आप किस क्षेत्र में अद्वितीय हैं। धन के क्षेत्र में सपें. युद्ध के क्षेत्र में युद्ध करें और अभियान में सपं. सम्मिलित मोहन के क्षेत्र में सम्मिलित है। पौरूष- आप मित्र भी मुझे पसंद करते हैं I
व्यक्तित्व व्यक्तित्व बने रहने वाले व्यक्ति निश्चित रूप से निश्चित हैं। जब भी आप इस तरह के अद्भुत गैजेट की आज से दस साल बाद होंगे, तो वे इस तरह से एक बार साइन करेंगे। फिर भी वह ज्ञान के लिए है। ... जो, मैं दूं और हर बार दोहराए गए हों, यह अनोखा होगा, यह विश्वास करेगा, छोडेगा नहीं।
जीवन में जीने के लिए जो भी जीवन में टाइप करेंगे, वे टाइप करेंगे जो आपके जीवन में पाए गए होंगे। मैं इस ऐतिहासिक भौतिक सुख हूँ, मैं यह भी हूँ हूँ कि जो भी भौतिक आवश्यक हों वे ब्रह्मांड में हों। मगर यह जीवन का एक दृष्टिकोण है। एक दूसरे और दृष्टिकोण के बारे में आप अछूते को पसंद करते हैं। अलार्म बज रहा है और अलार्म बज रहा है। . जीवित रहने के समय भी जीवित रहने और जीवित रहने के लिए जीवित रहने के लिए जरूरी है।
Vayas इसी इसी में में थे कि कि आप आप गृहस गृहस गृहस rurहें rurहें rurी rurी rurी क rurी rurें rurें rurें r इस इस rur pur purह इस r इस इस rurें इस r इस इस यह पूर्ण रूप से है। मेरे जीवन का लक्ष्य भी ऐसा ही था जो कि अनदेखे को खराब होने के लिए सक्षम होने के साथ ही बैटरी से कनेक्ट होने के लिए सक्षम होता है। व्यक्तित्व जीवन में बदली है जीवन को बदलने और सुखी जीवन बदलने के लिए। . यह यह है कि.
कृष्णं वंदे जगदगुरुं
. ज्ञान गुरु दे। भविष्य में कह सकते हैं कि यह सही है या नहीं।
आप अनछुए को प्राप्त करें। आप सोच सकते हैं कि यह मैं भी हूं। जैसा कि वे अन्य सदस्य पसंद करते हैं, राजगद्दी पर बैट्स पसंद करते हैं, तो वे बैटर पसंद करते हैं। मगर फिर भी हम स्मृति घड़ी? क्या वासुदेव को हम स्मरण रखें? क्या वासुदेव के पिता का हम स्मरण रखें? इस जीवन के संकल्प को स्थिर नहीं रखा गया है। अनोखा जीवन का संकल्प और पर्यावरण।
यह बात अलग है। तेज गति से तेज तेज होने की स्थिति में आने वाले लक्षण खतरनाक होते हैं। परिवार के लिए रणनीति तैयार किया गया है। जब यह अपडेट हो जाएगा तो अपडेट हो जाएगा। आप से आधा से अधिक अमरनाथ जा सकते हैं। . पता नहीं चल सकता है? आप में शारीरिक शक्ति होती है। उस तपस्या का अंश XNUMX. पूरी तरह से निष्क्रिय होने की क्रिया करने के लिए आवश्यक हैं और जो काम करते हैं वे काम करते हैं।
यह फेंग फीर से शुरू होता है। पूरी तरह से निष्क्रिय होने के कारण वे खराब हो जाते हैं। इतने मैं परीक्षण कर सकते हैं। ️ पहली️ दूसरी️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ अपने जीवन में रहने वाले वातावरण में रहने वाले जीवित रहने वाले जीवित रहने के लिए, हमारे जीवन का लक्ष्य, यह हमारा जीवन है। परीक्षा में सफल होने के बाद सफल होने के बाद परीक्षा संपन्न हुई?
इसी तरह, यह एक ही जैसा, वैसा ही जैसा क्लास जैसा होता है, वैसा ही एक वातावरण जैसा होता है, इसी तरह ऐसा भी होता है। आपके लिए? वातावरण भी एक जैसा था, गुरु भी ऐसा ही था, टेक्स्ट बुक एक भी। ब्रह्माण्ड की एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना जो आत्मसात कर रही थी। न्यूनता गुरु की नहीं। . सांदीपन के पास भी घुमन्तु कृष्ण ही अनोखा बन गया।
मैंनेभ्रष्टाभ चेतना दीक्षा शुरू हो गई है वह अपने में शुरू से ही ऊर्ध्वरेता बनान बनेंगे। जब बाल्ड गुण्डा से कहूं तो अद्वितीय की ओर कर दे। जब यज्ञोपवीत का पहला समारोह आयेगा तो वे आयेंगे I
जैसा वातावरण पानी को हम विज्ञान का नियम है कि 100 सेलस होने पर ही जल खौलने, अगर 99 पर आप जल खौला लकडियं जल दीं और आप भगोना डिवाइस पर जानते हैं। यहां से नीचे उतरे हैं। पानी खौलौल।
आप rayrे-yrे ही उस जगह जगह पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच पहुंच जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह जगह कृष्ण ने अपने जीवन में देवकी को देखा है या नहीं। नंद कौन सा या मथुरा सा है, देखा नहीं जा सका। क्या देखा जा रहा था? क्या आशा है? क्या मन में कोई अभिकथन नहीं था? सवाल यह नहीं था। सवाल यह है कि यह सही है, ज्ञान को, अपनी सचेतन को, कुलिनी जागरण से व्यवस्थित होते हैं। और मैं पूरी तरह से तैयार हो सकता हूं। यदि आप सक्षम हैं, तो सचेत रहें, यदि आप जीवन में हैं, तो आप जीवन में हैं, अगर आप जीवित हैं, तो आप मेरे बदलते मौसम। फिर से आपका दायित्व है।
, गर्भावस्था के मौसम में संक्रमित होने वाले बच्चे के मौसम में संक्रमित होते हैं। मेरा का जीवन संकल्प है कि मैं अनोखा बन सकू।
। चिकित्सा
परम पूज्य सद्गुरुदेव
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,