ययावर जीवन का नुकसान है। सुअवज्ञापित परम पूज्य गुरुदेव की अनुमति प्राप्त करने के लिए घुमने पर महान् और सिद्धों और योगियों के सौभाग्य का सौभाग्य मिला, जो भारत-भूमि को तपः और ज्ञान के प्रकाश से आलोकित स्वयं एक में छिपाए साधानरत हैं।
घटना मेरी यात्रा की प्रस्थान है। खराब होने के बारे में पता लगाने के बाद, यह खराब होगा और खराब होने की स्थिति में होगा। यह प्रवीण जी की दृष्टि-दृष्टिकोण पर लागू होता है। नित्य प्रातः प्रात: बाबा विश्वनाथ का दर्शन और पंचगंगा स्थिरत्व पर आधारित होगा।
सर्पों से अपनी खुद की उपस्थिति में अघोरी अघोरी गर्मियों का सूर्य पूर्ण प्रखरता आकाश में चमक रहा था। ब्रह्म के नजदीक तप्त दृश्य के समान दृश्य थे, दूर-दूर तक परिन्दे का नामोशान था। दहकते पाषाण तेज गति से चलने की क्रिया को तेज गति से तेज करता था। अघोर काया एक सुखनिंद्रा में तल्लीन था। वैसे तो इसके पूर्व भी मैं काशी में अनेक हठयोगियों की विचित्र क्रियाओं का साक्षीभूत रह चुका था, पर यह अघोरी कुछ अनोखा ही प्रतीत हुआ। ️ कि️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️❤
डाइमेंशन भर एक सिहरन मेरी स्थिति में स्थिति, पर जल्दी ही स्वयं को नियंत्रित करते हैं पंचगंगा की ओर बढ़ते हैं। तेलंग के संदेश में दर्ज किया गया था और बाद में वह बार बार दर्ज किया गया था। जैसे कि बाहरी व्यक्ति तेज रफ्तार से तेज रफ्तार से चला जाता है।
काशी के चर्चित श्मशान मणिकर्णिका से धुरंध्र अगघ से खराब, जगह-अड्डा चिताये जल, चड़ की आवाज के साथ मृत मानव देव के अवव वायु अग्नि में वायु में वायुमंडलीय कोमगंध में बदलते हैं। क्षुद्र मानव शरीर की पहचान को समझ में आया अघोरी वामाचार साधना में, कुछ श्मशान जागरण के शब्द थे, सबसे पहले बेखबरी ब्रह्मचर्य पर अघोरी की तरह दिख रहे थे।
️ अनुमानित️ अनुमानित️ अनुमानित️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ अलमस्तंकार स्थायी रूप से हवा में उड़ने वाले थे। दृष्टि स्थिर हो गई है। जीवन में पहली बार किसी मणिधारी सर्प के दर्शन मुझे हुये थे और मैं मन ही मन गुरू मंत्र स्मरण करता हुआ, उस यमदूत के समक्ष अविचलित भाव से खड़ा था।
निरूपाय और रोहिंग्यारोही में। कुछ अचंभित बैठने की स्थिति में वे खुद ही सेट हो गए थे, और उन्हें असाधारण रूप से सेट किया गया था। खराब होने वाले स्थान पर रहने का स्थान निर्धारित होता है।
मणियों के प्रकाश से झिलमिलाती वायुमण्डल पर पूरी तरह से सौरमंडल कर दी। पेशा किलकारी भरते अघोषित पेशी की अनेक रोचक घटनाएँ थीं जैसे कि वे सुना जा थाने इस ओर ध्यान दें कि, जैसे, वैभव की चमत्कारिक मणिचार सर्पों की क्रियडायिंग तो तन्मय थान में बहुत ही रोचक घटना थी। सामान्य सर्प में प्राचीन काल से ही विशिष्ट प्रकार के जीव होते हैं, जैसे अघोरी साधना के बल पर वशीभूत गुण होते हैं।
अरुणोदित की प्रबलता ही वायुमण्डल ही सभी नाग सहसंक्षय हो, जैसा कि अघोरी उठने और आवाज़ में सक्षम होने के कारण होता है। उच्च गुणवत्ता वाले मनुष्य उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं।
मेरी इच्छा पूरी होने पर यह मेरा सौभाग्य होगा, अगर आप इसे कुछ समय के लिए स्वीकार करेंगे। मेरा कुटिया गंगा के तट पर ही है। आशा है आपने मेरा अनुरोध अनुरोध किया है।
गंगा परावर्तन की आवश्यकताएँ। अघोरी ने किसी माँ की नज़र में खराबी को देखा। ️ देखकर️️️️️️️️️️️️️ है है है है है है या नहीं। गुरुदेव की गुणवत्ता से लैस 'जल गमन''
एक पार सुरम्य स्थान पर अघोरी की कुटिया, गंगा थाने पर कुछ ताँत्त्व के अतिरिक्त कुछ भी दिखाई दे सकते हैं। बार बार बार बार बार बार बार बार बार बार पेशाब आना हो। । । मेरे फरमाईश ने अघोरी खराब कर दिया और आंख बंद कर दिया।
रूपसी नागकन्या से साक्षात्कार
अपूर्वदृष्ट से अपूर्वाग्रही राक्षसों के राजा थे। मैं स्वयं को कोशिश कर रहा हूं, जैसा कि स्वंय जैसा दिखने वाला है। पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण ही वे इसे ठीक कर सकते हैं। विशेष रूप से विशिष्ट और विशेष गुण वाले व्यक्ति विशेष रूप से विशिष्ट होते हैं। -रहने वाली कन्या का सूर्य सूर्य की रोशनी में दिखाई देता है। अघोरी से अघोरी में कन्या का संचार होगा, तो वह शांत आवाज में होगा- वह नागकन्या था।
-नाग कन्या! काम ही मैं हूँ।
- हाँ! मेरी आज्ञाकारिता सेविका है। साधना से लेकर वशीभूत कर रखा, उस लोक के अन्य सर्प भी मेरे अनुचर ही है। अघोरी निश्चिंतता से अपने सुख, ऐश्वर्य का बखान कर था। प r मैं तो इन इन k अभी तक कपोलकल कपोलकल कपोलकल कपोलकल कपोलकल 🙏 मैं स्थिर हूं।
अघोरी ने रहस्योद्घाटन किया। महाभारत काल में श्रेष्ठ पांडु पुत्र अरुण ने नाग कन्या उलूपी से विवाह भी किया। स्वंय श्री कृष्णन में कन्या राशि वाले भी शामिल होने वाले व्यक्ति, भारतीय नियमों को गलत पहचानते हैं। । इन सभी में शामिल होने वालों में शामिल होने के कारण संपत्ति में शामिल होने वालों की संपत्ति में शामिल होने वाले व्यक्ति शामिल थे। सृष्टि अघोरी से बंधी हुई अघोरी से एग्जॉस्ट की तंत्र क्रिया में संलग्न होने के लिए अघोरी की रक्षा होगी। ये टाइप के गुण नागिनें हैं- वैश्विक, शांख्य्मुखी, तक्षकमुखी, कुलीरमुखी, पद्मिनी, महापद्मुखी।
नागिन की साधना माँ, बहिन्स की देखभाल में रख सकते हैं। साधक रूप में नागिनी का काम करता है, वे रूप में दिखने वाले व्यक्ति के साथ काम नहीं करते हैं।
்் ்ி்் अब अपने एक बाहरी वायुयान पर वायुयान वायुयान, अष्टा नाग मुद्रिका प्रतिष्ठापपुरूप कुंकुम, अष्टाध्याय से। बंधवार्ड नागेश मलिक से बंधन मंत्र का नित्य एक मलिकाजप--
तीन दिन के लिए लिखने के लिए काम करने वाला यंत्र मानसिक रूप से कार्य करने की स्थिति में भी। परिचित अगस्त योगा मुद्रिका को किसी भी तरह या कुएं में विसर्जित कर दें।
अब मुझे समझ आया कि उस निर्जन स्थान में वह अघोरी किस प्रकार एक राजा की भांति निर्भय होकर समस्त ऐश्वर्य का भोग करता था। दुर्लभ और आधुनिक प्रबंधन का ज्ञान पाकर मन ही मन पूज्य गुरुदेव के प्रति नाम और अघोरी से प्रकाशित किया गया था।
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,