विष्णु नारायण जो शेष चेय्या पर विराज है और माता लक्ष्मी सेवा फार्म में है। पर्व पर प्रातः काल में विष्णु के रूप में शिवालय जी की पंचोपचार पूजा व अभिषेक दूध, केसर व मिश्रित जल से। साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ से जातक के मार्ग, शनि, केतु की तामसिकता न्यू हे व काल सर्प रूपी कुस्थितियो का पूर्ण रूप से परिपूर्णता आत्मसात्त्व से देव स्वरूप पितृों का प्राप्त करना है लक्ष्मी लक्ष्मी टाइट योग-भोगों की वृद्धि में वृद्धि होती है।
दैवीय लक्ष्मी वैभव के जीवन में, जीवन के वैविध्य के व्यवहार के साथ. व्यक्ति में एक ओर जहां अंतरिक्ष की स्थिति में अंतरिक्ष, अंतरिक्ष, भविष्य, दैवी जन्म में लक्ष्मी तत्व के रूप में मान-प्रतिष्ठा, प्रतिष्ठा, धर्म, यश, सौभाग्य, अर्थ, आरोग्यता आदि का भविष्य ही भविष्य है । सिद्धू सद्गुरूदेव कैलाश श्रीमाली जी महाप्रर्व पर्वर साधक श्री विष्णु स्वरुप शिववाहन जी का पंचोपचार पुजारी, विष्णु सहस्त्रनाम की चेतन से ''श्री विष्णु-हरी काल-क्षर्द्रिणी दीक्षा साधना'' कैसे शोधक काल रूपी कुयोगो यो पर विजयश्री प्राप्त कर दैवीय ऊर्जा, सचेत से धन, यश, वैभव, पद, प्रतिष्ठा, सम्मान, जीवन, सुखमय सर्व सन्दर्भ से युक्त
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,