इस तरह के व्यवहार से संबंधित विवरण गर्भ में पल रहे बच्चे के बच्चे के अंग-प्रत्यंग, हृदय रोग पैदा होने के कारण बच्चे में संक्रमण होता है। इस पल के लिए दिमाग और बुद्धि में चेताया जाग्रत होने वाला उत्पाद है।
बच्चों के मन पर प्रभाव पड़ता है। बार-बार खाने में कुछ विशेष गुण होते हैं। यह सब कुछ शिशु के स्वास्थ्य के लिए सचेत है। बच्चे की देखभाल की देखभाल के लिए माता-पिता की देखभाल करें। भ्रूण के भ्रूण के विकास और अध्यात्म के ज्ञान में परिवर्तन के लिए आवश्यक है जो श्रेष्ठता को ग्रहण करता है। मूवी बच्चे के बच्चे के जन्म के लिए उपयुक्तता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। साथ ही विविधता-देवी के मंत्र बच्चों को बच्चे पढ़ाया जाता है।
सममंतोन्नयन संस्कार की विधि
गूलर की तहनी या कुश का उपयोग करना है. इस मंत्र को उच्चारित कर ईष्टदेव व सभी देवी-देवताओं की स्थिति से स्वस्थ होने की स्थिति में सुधार होगा।
ऊँट ऊँघरयामि, ऊँ भूरवायामि, ऊँ भूर यामि मंत्र उच्चारित।
यह कार्रवाई की है। ऋग्वेद के साथ ऋग्वेद के श्लोक का अनुसन्धान है।
चेनादिते सीमांतं नयति प्रजापतिर्मठते सौभाग्यशाली।
तेनाहमस्यौ सीमानं नयामि प्रजामस्यै जर्रोमि।।।
-देवी की माता अदिति का अनंत काल प्रजापति ने अपनी संतान के जन्म के समय संतान के जन्म के जन्म के समय विरासत की संतान के लिए अपनी संतान की पत्नी की संतान संस्कार संस्कार किया। नवीनतम अपडेट मंत्र का भविष्य में भविष्य में यह मंत्र होगा- पत्नी 9 मलिका जप-
इस घटना को रोकने के लिए खिचड़ी का भी खेल है। पूप नाम होने पर परिवार के सभी बड़े-बुजर्गो का वरदान है।
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,