मनुष्य शरीर को स्वच्छ बनाने के लिये तो नित्य स्नान कर लेता है और बाहरी मैल धुल जाती है, जीवन में समय-समय पर अनेक व्यक्तियों से सम्पर्क होता है, उनमें कुछ मलीन भाव से युक्त होते हैं, उसके प्रभाव से विचारों व भावों में दुषितता आ जाती है। इस हेतु आंतरिक मैल, आंतरिक विकार-दोष तो मात्र तभी दूर हो सकती है, जब रक्त ही शुद्ध हो जाये। सामान्य अवस्था में मनुष्य अपने आप में अधूरा और अपवित्र है। वह अपने आपको पूर्ण कहता है, मगर पूर्ण नहीं है, क्योंकि उसके जीवन में कोई न कोई अधूरापन रहता ही है, धन है, तो प्रतिष्ठा नहीं है, प्रतिष्ठा है तो पुत्र नहीं है, पुत्र है तो सौभाग्य नहीं है।
जीवन का वह श्रेष्ठ क्षण होता है, जब शिष्य या साधक के अन्दर चिन्तन बनता है, कि अब मुझे इस मल-मूत्र भरे जीवन में नहीं जीना है और जब उसे यह बोध होता है, तब वह गुरू चरणों में उपस्थित होकर अपने तन, मन, वाणी, आत्मा और बुद्धि की पूर्ण शुद्धि के लिये प्रार्थना करता है, या दूसरे शब्दों में वह ‘रक्त कण कण गुरू स्थापन दीक्षा’ प्रदान करने की विनती करता है।
गुरूत्व का अर्थ है जीवन, गुरूत्व का मतलब है आनन्द, गुरूत्व का मतलब है सफलता, तेजस्विता, दिव्यता, पूर्णता, श्रेष्ठता। इन सब गुणों का उस रक्त के कण में ही स्थापन हो जाये, यही तो रक्त कण कण गुरू स्थापन दीक्षा का प्रयोजन है।
यह दीक्षा तो अपने आप में ही शरीर को पूर्ण तेजस्वितायुक्त बनाने की क्रिया है, सुगन्ध युक्त बनाने की क्रिया है, फिर शरीर रोग ग्रस्त नहीं हो सकता, क्योंकि इससे तो प्रत्येक रक्त कण ही जीवन्त हो उठता है।
इस दीक्षा के तेज से जब साधक चैतन्य शुद्ध-बुद्धमय हो जाता है, तब उसकी वाणी में सागर के समान गम्भीरता आ जाती है, उसकी नेत्रों में असीम करूणा और सम्मोहिनी व्याप्त हो जाती है, उसके चेहरे पर अद्भुत शान्ति विद्यमान हो जाती है, क्योंकि उसे तो साक्षात गुरूदेव की उपस्थिति का भान होता रहता है, क्योंकि बाहर कहीं नहीं स्वयं उसके भीतर ही सद्गुरूदेव पूर्णता के साथ स्थापित हो चुके होते हैं।
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,
के माध्यम से बाँटे: