रोजमेरी से खास प्रकार की सुगंध प्राप्त होती है, जो मस्तिष्क क्रिया को उत्तेजित कर देती है और सोचने, समझने व याद रखने की क्षमता में सुधार होने लगता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार रोजमेरी की सुगंध से मस्तिष्क में एसेटीकोलिन नामक केमिकल का ब्रेकडाउन होने लगता है, जो मस्तिष्क कार्यों के लिये आवश्यक होता है।
रोजमेरी पौधे के सूखे हिस्सों व तेल का इस्तेमाल कई अलग-अलग तरीकों से किया जाता है, जिनकी मदद से शरीर में होने वाले कई प्रकार के दर्द कम हो जाते हैं। कुछ अध्ययन बताते हैं कि रोजमेरी के कुछ तत्त्व दर्द निवारक दवाओं से भी प्रभावी रूप से काम करते हैं।
रोजमेरी की खुशबू लेने से तनाव व चिंता विकार का स्तर कम हो जाता है। साथ ही कुछ अध्ययन बताते हैं कि रोजमेरी की खुशबू से काँर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन स्तर को कम होने लगता है। रोजमेरी से प्राप्त होने वाले लाभ हर व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति व शारीरिक प्रकृति के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं।
यूनानी और रोमन चिकित्सा पद्धति में भी मेमोरी पाँवर बढ़ाने के लिए रोजमेरी आँयल का इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह आँयल एसिट्लोक्लिन को बनाए रखता है, जो एक ब्रेन केमिकल है। यह विचार प्रक्रियाओं में मदद कर याददाश्त बढ़ाता है। यह बुजुर्गों में डिमेंशिया या मेमोरी लॉस के साथ ब्रेन फंक्शन में भी सुधार करता है। यह अल्जाइमर बुजुर्गों के लिए भी फायदेमंद है। यह ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करता है।
रोजमेरी एंटीआँक्सिडेंट गुणों वाला होता है। यह स्किन को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है। यह हेल्दी स्किन को बढ़ावा देता है। यह सूजन कम करता है। रोजमेरी एसेंशियल आयल टेरपेन्स से भरपूर होता है, जो स्किन की जलन और रेडनेस को शांत करने में मदद करता है। रोजमेरी आयल को सूंघा जा सकता है या सिर पर लगाया जाता है। यह बहुत गाढ़ा होता है। इसलिए एक बार में इसकी कुछ बूंदों का ही इस्तेमाल स्किन पर करना चाहिए।
रोजमेरी में एंटी बैक्टीरियल गुणों की भी प्रचुरता होती है। जिसकी बदौलत ये पेट के अल्सर से हमें बचाता है। इसके अलावा इसे घर में लगाने से कीड़े-मकोड़ों और मच्छरों का सफाया होता है।
पेट की कई समस्याएं जैसे कि पेट में दर्द, अपच, गैस बनना आदि आम हैं। रोजमेरी आपको इन समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है। इसे खाना बनाते समय भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पाचन शक्ति के ठीक होने से कई रोगों के होने की सम्भावना भी खत्म हो जाती है।
जहाँ भी दर्द हो उस जगह पर रोजमेरी का तेल लगाने से दर्द में आराम मिलता है। यहाँ तक कि इसका फायदा मांसपेशियों के दर्द, गठिया और अर्थराइटिस आदि परेशानियों में भी मिलता है। पेनकिलर के रूप में इसका इस्तेमाल काफी राहतप्रद है।
रोजमेरी हमें कोलोन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ल्यूकेमिया और स्किन कैंसर आदि से भी बचाता है। क्योंकि इसमें कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं। इसका इस्तेमाल भी आसान है। क्योंकि इसे खाने में मिलाकर खा सकते हैं।
जाहिर है कि सुगंध सबको पसंद है, लेकिन रोजमेरी की सुगंध अच्छा लगने के साथ-साथ आपके मन को शांत करके आपकी मनोदशा को सुधारता है।
रोजमेरी में कारसोनिक नाम का एक तत्व पाया जाता है, जो कि हमारे मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि करता है, जिससे कि हमारी स्मरण शक्ति में तेजी आती है और इससे अल्जाइमर में भी राहत मिलती है।
रोजमेरी में एंटीआँक्सीडेंट और एंटी इंफेलेमेटरी गुण पाया जाता है। जो कि हमारी शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होते हैं। इसके नियमित सेवन से हमारे अन्दर बीमारियों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है।
रोजमेरी का तेल आपके बालों को न सिर्फ स्वस्थ रखता है बल्कि इसे झड़ने से रोकता है और बालों को बढ़ने में भी मदद करता है। इससे आपके बाल लम्बे और चमकदार बनते है।
रोजमेरी को एक बर्तन में उबाल कर सर को तौलिये से ढककर इसका भाप लेने से इसकी महक आपके मस्तिष्क तक पहुंचती है। इससे माइग्रेन के दर्द से काफी हद तक राहत मिलती है। इसलिए इसे एक प्राकृतिक उपचार माना जाता है।
गुलमेंहदी में शक्तिशाली एंटीआँक्सीडेंट पाए जाने के कारण ये झुर्रियों से छुटकारा दिलाता है। लटकती हुई त्वचा में कसाव लाता है। इसमें कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने की भी क्षमता होती है। ये हमारे शरीर का रक्त संचार बढ़ाकर स्किन टोन में भी सुधार लाता है।
शरीर में रक्त का सही प्रकार का संचालन बहुत जरूरी है। रक्त संचार प्रणाली शरीर की सभी कोशिकाओं में पोषक तत्वों और आँक्सीजन को ले जाने का काम करती है। रक्त संचालन में आई रुकावट से टिशू और कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं। यहां रोजमेरी का तेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह खास तेल है, जो शरीर में रक्त संचार को बढ़ावा देने का काम करता है। ये रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ाता है और नर्वस सिस्टम को संतुलित करता है।
ओरल हेल्थ के लिए भी रोजमेरी के फायदे बहुत हैं। रोजमेरी एंटीबैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है। जो दांतों और मसूड़ों को संक्रमण से छुटकारा दिलाता है।
सर्दी और खांसी जैसी समस्याओं के लिए भी रोजमेरी तेल का उपयोग किया जाता है। एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफलेमेटरी गुणों के कारण सर्दी और खांसी के संक्रमण से बचाव का काम करता है। रोजमेरी के तेल में तेज औषधीय गंध होती है, जो बंद नाक को खोलने का काम भी करता है और रक्तचाप, हृदय गति और श्वसन दर को बढ़ाकर आपको ऊर्जावान महसूस कराता है। यह तेल त्वचा में जलन और जीवाणु संक्रमण से आराम देने का काम करते हैं। कई अध्ययनों से साबित हुआ है कि रोजमेरी तेल के एंटीआँक्सीडेंट गुण लिवर की कोशिकाओं को ठीक करने में सहायक भूमिका निभा सकते हैं। साथ ही लिवर कोशिकाओं में कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को भी रोक सकते हैं।
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