शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए साइकिल चलाना बहुत जरूरी है। आज की पीढ़ी मोबाइल फोन, टेबलेट्स, सोशियल मीडिया, उत्तर की तरफ ज्यादा इच्छा हो रही है नतीजन स्वास्थ्य समस्याएँ, व्यसन, नेत्र दृष्टि खराब होना, आम बात हो गई है जिनसे मोटापा, ब्रेन का पूरा विकसित न होना, असामाजिक होना बढता ही जा रहा है। इसीलिये अभी भी समय रहते इन आदतें को छोड़ने में फायदा है। घर के बाहर खेले जाने वाले खेल के साथ ही साथ सायक्लिंग को भी फिर से अपने खेल, मनोरंजन गतिविधि में प्रवेश करें में शामिल करने का समय आ गया है।
साइकिल चलना एक बहुत अच्छा कार्डियों व्यायाम है जो हमारे हार्ट को मजबूत बनाता है।
साइकलिंग से हमारी हड्डियों मजबूत बनती है, इनकी DENSITY बढ़ती है, जब हम उम्र में बड़े होते है तब भी हमारी हड्डियाँ मजबूत रहता है।
इससे हमारी पेट की चर्बी कम होती है, हम मोटे नहीं होते, हाथ-पैरों की मांसपेशियां भी अच्छे से विकसित होती है।
साइकलिंग में संतुलन बनाना सबसे जरूरी है, और इससे हमारे मन की भी व्यायाम हो जाती है, विश्वास आता है, निर्णय लेना भी सीखते है।
इससे एकाग्रता भी बढ़ती है जो हमें अच्छे से पढ़ाई करने में भी मदद करती है।
साइकिल चलाने से तनाव कम होता है, खुली हवा मिलने से हम ताजगी अनुभव करते है।
दोस्त के साथ साइकलिंग कर हम सामूहीकरण करना कर सकते है, सामाजिक कौशल भी इससे विकसित है।
इस प्रकार साइकिल चलाना एक मजेदार और फायदेमंद गतिविधि है, जो हमे स्वस्थ मजबूत, हैप्पी और कॉन्फीडेन्ट बनाती है।
लेकिन साइकलिंग के वक्त रोड़ के नियमों का पालन करें करना भी बहुत जरूरी है जैसे हमेशा अपनी HEIGHT, वजन को ध्यान में रखकर अच्छी साइकिल खरीदें, अगर आप नये है साइकिल सीखने में तो हमेशा घर के किसी बड़े सदस्य के साथ ही साइकिल चलाए।
टैªफिक रूल्स, सड़क सुरक्षा नियम का हमेशा ध्यान रखें।
हो सके तो साइकिल का जो हेलमेट आता है, उसे लगा कर साइकलिंग करें।
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश सिद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,