सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी को पसंद है विषय पढ़ने की किताब से हमारा मानसिक विकास साथ ही होता है रचनात्मकता यानी कि हमारी सोचने-समझने की क्षमता भी बढ़ जाती है। जिस प्रकार शरीर को स्वस्थ्य और सक्रिय रखने के लिए व्यायाम करना जरूरी है उसी तरह हमारे दिमाग को भी फिट रहने के लिए व्यायाम जो पढ़ने की जरूरत है। पढ़ने से दिमाग तेज रहता है, याददाशत अच्छी रहती है, संचार कौशल में सुधार होता है, हम अच्छे से, विश्वास के साथ अपनी बात रखने में सक्षम होते हैं। जब हम कुछ कह रहे हैं तो नवीनीकृत लोग भी हमसे बात करना पसंद करते हैं, जहां ई बुक्स और गैजेट्स हमारे कारण एकाग्रता बिजली में कमी वहीं होती है पुस्तक पढ़ने से पढ़ने की क्षमता पढ़ने की क्षमता में सब कुछ समान है, हम सही हैं किताबें पढ़े न कि ऑनलाइन पढ़ें।
किताबें पढ़ने की आदत बचपन से ही अपने भीतर मन में बैठाना कर लेना। फिर भी 5 मिनट में पढ़ें लेकिन एक बार पढ़े और इसके बारे में पेरेंट्स और दोस्तों से भी चर्चा करें। याद रखें किताब का चुनाव अपनी उम्र के अनुसार करें, ज्यादा परिपक्व या कठिन विषय का चुनाव न करें। नई-नई किताबें पढ़ते रहें और अपने ज्ञान को अपडेट करते रहें, फिर चाहे वह किताब की कहानी हो, पशु की या फिर कोई ऐतिहासिक।
तो इसीलिये पढ़ना के बहुत से फ़ायदे होने के कारण मनुष्य की सबसे अच्छी दोस्त कहलाती है।
प्राप्त करना अनिवार्य है गुरु दीक्षा किसी भी साधना को करने या किसी अन्य दीक्षा लेने से पहले पूज्य गुरुदेव से। कृपया संपर्क करें कैलाश इद्धाश्रम, जोधपुर पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन से संपन्न कर सकते हैं - ईमेल , Whatsapp, फ़ोन or सन्देश भेजे अभिषेक-ऊर्जावान और मंत्र-पवित्र साधना सामग्री और आगे मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए,